करोना वायरस से मरने वाले मासूम लोग

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करोना वायरस के समय में या भारत के आम दिनों में भी भारत के गरीब और माध्यम वर्ग के लिये जिवन यापन करना मुश्किल होता है. अभी तक ऐसा समय नहीं देखा होगा, जो ईसान और जानवर का जिना मुशिकल कर दिया है. आज देश की हालत ऐसा हुआ है लोग भुखमरी से मर रहे हैं सरकार या तो गरीब की मदद कर रही है या अमीर की. माध्यम वर्ग के लोग इस डर से मदद् नहीं ले पाते कयोकि उनके परोसी पहले उनकी औकात का पता लोगों तक पहुचा देते हैं, आज देश में बहुत सारे ऐसा भी परिवार है जिसके घर में कमाई करने वाले एक ही है और घर में खाने वाले 5-6 है. उस घर में कया बीत रही होगी जो ऐसे मजबूरी में भी लोगों को अपनी मजबूरी को लेकर घर में जैसा तैसा कर के जीवन यापन कर रहे हैं. हमारे देश में करोना वायरस के आने के पिछे अमीरों की सबसे बड़ी हाथ है, ये लोग अपनी गलती की सजा उन गरीबों को मिली जो गरीब जिने और खाने के अलावा कुछ भी नहीं पता.

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 उन बिचारे को किस गलती की सजा मिल गई बेचारे मर रहे हैं और अमीर अपनी जिंदगी  तो अच्छे से काट रहे हैं और भासन देते हैं घर में रहीये सुरक्षित रहे, अब आप ही बताये जिसके पेट में भुख है और घर में खाने के लिए कुछ भी नहीं है वो कया सुरक्षित रहेगा. अब बात उस विषय पर भी कर लेते हैं जो बहुत बहुत ही सर्म करने वाली है. अमीर आये विदेश से तो उनको 14 दिनों के लिए कोरोनटाईन नहीं किया गया और जब गरीबों पर बात आयी तो उनको 21 दिनों तक करोनटाईन किया जा रहा है ये देश में कानून सबके लिए एक ही है. मगर ऐसा कयो हो रहा है. जिस अमीर को अपने अमीरी का घमंड हुआ है वो सच्चाई से पहले वाकीफ नहीं हुये हैं. अमीर को अमीर किसने बनाया उस गरीबों ने जो आज भुखमरी से लर रहे हैं.


आपने तो यह भी सुना होगा बिमारी तो गरीब फैलाते हैं मगर ये बात आज झूठ निकली, आज बिमारी को अमीर ने फैलाया और परेशान गरीब हो रहे हैं. आज देश के ईसान और जानवर दोनों ही परेशान है ईसान घर में खाने के लिए रोते हैं और जानवर बाहर भुख से तरप - तरप कर मर रहे हैं. आज दोनों ही एक जैसे दिख रहे हैं, तरप वही है दर्द भी वही है फर्क बस इतना है जब ईसान की कोई भी नहीं सुनता तो जानवर की कौन सुनेगा. लोग इनके रोने की आवाज को सुनकर भी कुछ भी नहीं कर पाते हैं. आज देश में ऐसे भी लोग है जो रोज शाम तक काम करते हैं तो रात का खाना खा लेते हैं उनके जीवन की फिक्र भी हमारी सरकार को करना चाहिए और उनको रासन दिया जाना चाहिए. कुछ लोग अपने तरफ से मदद कर भी रहे हैं तो उनकी फोटो सोसलमिडिया पर डाल कर अपने आप को अमीर बना रहे हैं. तुम अपना कर्म कर रहे हो तो दिखावा कयो कर रहे हो भगवान सब कुछ देखते हैं.
अब एक नज़र करोना वायरस से हटकर भी आयी है जहाँ लोग वायरस से मर रहे हैं वही एक ही बार में हजारों निर्दोष को किस गलती की सजा दी गई है खबर आई है #विशाखापत्तनम में #जहरीली गैस रिसाव से 8 की #मौत, 5000 बीमार, सड़कों पर बेहोश पड़े लोग

Vijay Gas Leak Live: देश के सबसे आधुनिक और व्यवस्थित शहरों में शामिल आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम में केमिकल गैस का रिसाव हुआ है। यहां के आरआर वेंकटपुरम गांव में एलजी पॉलिमर इंडस्ट्री से गैस का रिसाव हुआ है, जिसका असर तीन किमी तक के एरिया में देखा जा रहा है। अब तक 8 लोगों के मरने की सूचना है, जिनमें छोटे बच्चे भी शामिल हैं। 5000 से अधिक लोग इसकी चपेट में आए हैं। कई लोगों को गंभीर बीमार हालत में अस्पतालों में भर्ती करवाया गया है। मृतकों का आंकड़ा बढ़ सकता है। लोगों को आंखों में जलन और घबराहट महसूस हो रही है। तीन किमी एरिया को खाली करवाया गया है। पुलिस के साथ ही फायर ब्रिगेड और एंबुलेंस मौके पर है। गैस रिसाव के कारणों का पता लगाया जा रहा है। जिला स्वास्थ्य अधिकारी ने तीन लोगों के मरने की पुष्टि की है। कंपनी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली गई है।

एनडीआरएफ की टीम मौके पर पहुँच कर बचाव में लगे
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राहत और बचाव कार्य के लिए एनडीआरएफ की टीमें तैनात कर दी गई हैं। लोगों को घरों से निकाला जा रहा है। कई लोग फुटपाथ और सड़कों पर बेहोश हालत में पड़े मिले हैं। (देखिए वीडियो) जानकारी के मुताबिक, गैस का रिसाव सुबह 4 बजे हुआ, तब लोग नींद में थे। वहीं सोशल मीडिया पर चल रही खबरों के अनुसार, 12 लोगों की मौत हो चुकी है और कई लोग कोमा में चले गए हैं। स्टीरिऑइड गैस के लीक होने से यह हादसा हुआ है।

एक खबर को मिडिया ने ईतनी झूठ बताई जिससे पता चलता है मिडिया कितना झूठ बोलने वाले भी हो सकते हैं मजबूर मजदूर चल चल कर थक गए और उनकी मदद करने के लिए कोई भी नही था और भुखा कितना चलते, इसलिए उनहोंने अपनी जान दे दी. महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिले में शुक्रवार को एक मालगाड़ी की चपेट में आने के बाद 16 प्रवासी मजदूरों की मौत हो गई। कर्माड पुलिस थाने के एक अधिकारी ने पीटीआई को बताया कि जालना से भुसावल की ओर पैदल जा रहे मजदूर मध्यप्रदेश लौट रहे थे। उन्होंने बताया कि वे रेल की पटरियों के किनारे चल रहे थे और थकान के कारण पटरियों पर ही सो गए थे। अधिकारी ने बताया कि ट्रेन ने सुबह सवा पांच बजे उन्हें कुचल दिया।
https://youtu.be/yAXBDcjbKlg

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महाराणा प्रताप का भाला 81 किलो वजन का था और उनके छाती का कवच 72 किलो का था। उनके भाला, कवच, ढाल और साथ में दो तलवारों का वजन मिलाकर 208 किलो था। महाराणा प्रताप का वजन 110 किलो… और लम्बाई 7 फीट 5 इंच थी इतना वजन लेकर प्रताप रणभूमि में लड़ते थे💪
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डरपोक #अकबर ने 7 फ़ीट 8 इंची बहलोल खान को भेजा था महाराणा प्रताप का सर लाने, कभी नहीं हारा था बहलोल --------
मुगली अकबर का सबसे खतरनाक वाला एक सेना नायक हुआ . . . नाम - बहलोल खां . . . . कहा जाता है कि हाथी जैसा बदन था इसका . . . और ताक़त का जोर इतना कि नसें फटने को होती थीं . . . ज़ालिम इतना कि तीन दिन के बालक को भी गला रेत-रेत के मार देता था . . . . बशर्ते वो हिन्दू का हो . . . . . एक भी लड़ाई कभी हारा नहीं था अपने पूरे जीवन में ये बहलोल खां ॥
काफी लम्बा था, 7 फुट 8 इंच की लम्बाई थी, कहा जाता है की घोडा उसने सामने छोटा लगता था ॥ बहुत चौड़ा और ताकतवर था बहलोल खां, अकबर को बहलोल खां पर खूब नाज था, लूटी हुई औरतों में से बहुत सी बहलोल खां को दे दी जाती थी ॥
फिर हल्दीघाटी का युद्ध हुआ, अकबर और महाराणा प्रताप की सेनाएं आमने सामने थी, अकबर महाराणा प्रताप से बहुत डरता था इसलिए वो खुद इस युद्ध से दूर रहा ॥
अब इसी बहलोल खां को अकबर ने भिड़ा दिया हिन्दू-वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप से . . . . . लड़ाई पूरे जोर पर और मुगलई गंद खा-खा के ताक़त का पहाड़ बने बहलोल खां का आमना-सामना हो गया अपने प्रताप से ॥
अफीम के ख़ुमार में डूबी हुई सुर्ख नशेड़ी आँखों से भगवा अग्नि की लपट सी प्रदीप्त रण के मद में डूबी आँखें टकराईं और जबरदस्त भिडंत शुरू. . . कुछ देर तक तो राणा यूँ ही मज़ाक सा खेलते रहे मुगलिया बिलाव के साथ . . . .
और फिर गुस्से में आ के अपनी तलवार से एक ही वार में घोड़े सहित . . हाथी सरीखे उस नर का पूरा धड़ बिलकुल सीधी लकीर में चीर दिया . . . ऐसा फाड़ा कि बहलोल खां का आधा शरीर इस तरफ और आधा उस तरफ गिरा ॥
ऐसे-ऐसे युद्ध-रत्न उगले हैं सदियों से भगवा चुनरी ओढ़े रण में तांडव रचने वाली मां भारती के इजजत को आज कुछ लोग मिलकर मजाक बना दिया गया है.
शिवसेना ने जो आज अपने मंत्रि बनने के लिए भगवा रंग को और महाराण प्रताप की इजजत को निलाम कर दिया.

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कोरोना वायरस को लेकर हमारी सरकार ने एक बहुत ही अहम फैसला ली है, जिसमे हमारे मजदूर को घर पहुंचने के लिए उनसे पैसा लिया जा रहा है. एक तरफ सरकार का कहना है की वो मजदूर को फ्री में घर पहुंचाने का काम कर रही है ? मगर जब वो स्टेशन पहुंच रहे है तो उनसे पैसा वसूला जा था है! कम- से कम  उनको झूठ बोलकर इतनी तकलीफ मत दो ये भी इंसान है, यहां पर जो अपनी चलति चला रहे हो और बकचोदी कर रहे  हो, इसका अधिकार भी इन्ही लोगो ने दिया.हमारे कितने मजदूर रास्ते में मर्र गये कितनो की लाश जानवर खा गए इसकी खबर किसी को नहीं है. जब सरकार की मदद नहीं मिल रही है तो वो जब  अपनी मर्जी से घर जा रहे है तो उसपर भी सरकार और कुछ मूर्ख लोग इन मासूम पर पत्थर और लाठी बरसा रहे है जैसे वो किसी दूसरे देश से भाग कर आये है जो लोग दूसरे देश से भाग कर आये है.

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 उनको तो अच्छे से ख्याल रखा जा रहा है और वही लोग देश में तबाही मचा रहे है! और दर्द मिल रहा है मासूमों को जो कुछ भी गलती नहीं किये है, और इसकी जिम्मेदार सिर्फ हमारी मीडिया वाले है?! जो आज इस खबर को छोड़ कर कौन एक्टर क्या कर रहा है इस विषय पर खबर बना रही है? लोग अपनी तकलीफ की वीडियो बना रहे है और सोशल मीडिया पर अपलोड कर रहे है मगर किसी को फर्क नहीं पड़ता वो तो हीरोइन और हीरो की रोमांटिक पिक्चर पर ज्यादा फोकस कर रहे है. शर्म करो मीडिया वालो कुछ इनकी बातों पर भी ध्यान डालो. कही लोग ट्रेन से कट कर मर रहे है और कही भूखा?! हमारा दिन भी आएगा.! 


https://youtu.be/p5DIdNsUKEY

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